विद्यालय भवन - विद्यालय का भवन आधुनिक वास्तुकला के नमूने पर है। जिसमें हवा एवं प्रकाशयुक्त कक्ष है।
कंप्यूटर कक्ष- स्मार्ट क्लास आदि है। बिजली आपूर्ति के अभाव में इनवर्टर की उत्तम व्यवस्था उपलब्ध है।
क्रीड़ा प्रांगण राष्ट्रीय मानक के अनुसार आधुनिक क्रीड़ा संयंत्रों से युक्त अपना क्रीड़ा स्थल है, जहां फुटबॉल बैडमिंटन खो-खो कबड्डी आदि खेल होते हैं कुश्ती एथलेटिक्स आदि की भी उत्तम व्यवस्था है।
पुस्तकालय एवं वाचनालय पुस्तके संत एवं महापुरुषों के आदर्शों को प्रतिबिंबित करती हैं इस हेतु विद्यालय में वृहद पुस्तकालय एवं वाचनालय है।
शिक्षण विधि सुयोग्य एवं प्रशिक्षित अध्यापक /अध्यापिकाओं द्वारा नवीन प्रायोगिक व वैज्ञानिक विधियों से शिक्षण की व्यवस्था है। गृह कार्य एवं निरीक्षण की नियमिता है। छात्रों के शिक्षण पद्धति पर आधारित सैद्धान्तिक व व्यावहारिक ज्ञान सुनियोजित ढंग से कराया जाता है।
पंचपदी पद्धति के 5 पद हैं अदिति (अध्यापक/अध्यापिका द्वारा विशेष प्रस्तुति), बोध कार्य, अभ्यास या गृह कार्य, सहपाठी स्वाध्याय
एस. एम. एस.- एस. एम. एस. द्वारा विद्यार्थियों से संबंधित सूचना अभिभावकों को भेजने की व्यवस्था।
कंप्यूटर प्रशिक्षण वर्तमान युग कंप्यूटर का युग है अत हमारे विद्यालय में कंप्यूटर शिक्षण की उत्तम व्यवस्था है ।
नियमित स्वास्थ्य परीक्षण छात्र स्वास्थ्य रहे इस हेतु सभी आवश्यक उपाय तो किए ही जाते हैं साथ ही नगर के प्रसिद्ध चिकित्सकों द्वारा नियमित रूप से उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाता है एवं इसका रिकॉर्ड भी रखा जाता है।
छात्र डायरी छात्र डायरी छात्र-छात्रा का दर्पण है जिससे उसके सभी क्रियाकलाप प्रतिबिंबित होते हैं अतः प्रत्येक छात्र की डायरी में उसकी दिनचर्या, गृह कार्य, सदाचार, उपस्थिति, परिवार एवं विद्यालय के बीच पत्राचार आदि विवरण अंकित किए जाते हैं।
पाठ्य सहगामी क्रियाएं अध्ययन के साथ-साथ विद्यार्थी अपनी रूचि के अनुसार विभिन्न पाठ्य सहगामी क्रियाओं में भाग लेते हैं जिसमें प्रमुख रूप से प्रश्नपत्र, वाद-विवाद, निबंध लेखन, पत्र-सुलेख, कला अथवा अपनी संस्कृति से संबंधित ज्ञान।
वाहन- विद्यालय में दूर गांव से आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए वाहन की उत्तम व्यवस्था है।